राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियां(National security policies)

1. सीमा सुरक्षा और अप्रवास नीतियां :-

राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियां National security policies में सीमा सुरक्षा और अप्रवास नीतियां महत्वपूर्ण विषयों में से एक है यह एक देश या राष्ट्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है सीमा सुरक्षा और अप्रवास नीति आदेश में अवैध आवास या अवैध प्रकार से प्रवेश लेने वाले लोगों पर रोक लगाती है जो बाद में हमारे राष्ट्र के लिए खतरा हो सकते हैं अवैध आवास अधिकतर सड़कों, जहाजों, नदियों और समुद्र के किनारे पर होते हैं जो अवैध रूप से हमारे राष्ट्रीय और देश के संसाधनों का प्रयोग करते हैं|

1. सीमा सुरक्षा और अप्रवास नीतियां पर कानून

1. Boder security force Act 2002 इस अधिनियम के अनुसार सेना के वीर जवान सीमाओं की सुरक्षा निगरानी अवैध गतिविधियों के लिए बनाया गया है|
2. इमीग्रेशन एक्ट 1983 (Immigration Act 1983) यह अधिनियम भारत में वीजा और इमीग्रेशन प्रक्रिया को नियंत्रण करने के लिए बनाया गया है|
3. फॉरेनर्स एक्ट, 1946 (Foreigners Act, 1946) इस अधिनियम के अनुसार भारत में विदेशी पर्यटकों और लोगों के आवागमन पर निगरानी रखी जाएगी
4. पासपोर्ट अधिनियम, 1967 (Passport Act, 1967) इस अधिनियम अंतर्गत भारतीय नागरिकों के पासपोर्ट और उनके विदेश यात्रा से संबंधित अन्य मुद्दों से जुड़ा हुआ है|

2.  साइबर सुरक्षा नीतियां और पहल

1. भारत की साइबर सुरक्षा नीतियां

बदलती बाहरी दुनिया का असर हमारी आंतरिक सुरक्षा नीतियों पर भी पड़ता है इसलिए साइबर सुरक्षा हमारे राष्ट्र के लिए बहुत अनिवार्य है इसमें देश को कंप्यूटर या तकनीकी जगत में एक ऐसा वातावरण दिलाना जिसमें हम अपनी गतिविधियां अन्य देशों के साथ बिना किसी साइबर अटैक के कर सकें भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने “डिजिटल इंडिया” और मेक इन इंडिया के तौर पर एक पहल शुरू की है

2. भारत में साइबर सुरक्षा की अवस्था और उसे मजबूत बनाने के उपाय

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के तहत आने वाले कुछ वर्षों में 10 बिलियन से अधिक डिवाइस या फिर उपकरण इंटरनेट से कनेक्ट होंगे इसी के अनुरूप है 2013 में अमेरिका के कंपनी द्वारा कहा गया था कि भविष्य में युद्ध हत्यारों से नहीं तकनीकी तौर पर लड़ा जाएगा इसी कारण वर्ष हमें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत और शतक बनाना चाहिए

3.  आपदा तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना

1. आपदा के कारण

आपदा एक अनियोजित घटना है भारत में आपदा जोखिम और अतिसंवेदनशील गतिविधियां बढ़ती जा रही है इसके मुख्य कारण औद्योगिकरण में वृद्धि, पर्यावरण में तेजी से गिरावट, जोखिम भरे इलाकों का तेजी से विकास होना, बढ़ता हुआ प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि इत्यादि है यह कुछ ऐसे ही मुख्य कारण है जिनके द्वारा आपदा आती है क्या आपका का खतरा बना रहता है इसी के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा 2005 में आपदा प्रभाती करण कानून बनाया गया जो कि राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग काम करते हैं|

2. आपदा प्रबंधक कानून 2005

आपदा प्रबंधक कानून 2005 के अंतर्गत प्रत्येक राज्य के लिए आपदा प्रबंधन योजना होनी चाहिए|  जो आपदा के समय पर लागू किया जाएगा| इस अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण राज्य स्तर पर राज्य आपदा प्राधिकरण जिला स्तर पर जिला आपदा प्राधिकरण का गठन का प्रावधान करता है इस योजना के तहत 2019 में लॉकडाउन लागू किया गया था

आपदा प्रबंधक के उद्देश्य और उपाय

1. आपका प्रबंधक का मुख्य उद्देश्य जानमाल की रक्षा और उनकी संपत्ति को सुरक्षित करना
2. आपदा प्रबंधन क्षेत्रों को दोबारा से डेवलप करना
3. अब 10 सप्ताह के समय में कम से कम जान और माल का नुकसान होना
4. आपदा के समय दुर्गम इलाकों में फंसे हुए लोगों को वहां से निकालना
5. आपदा के समय लोगों को सरकार द्वारा आयोजित किए गए रक्षा शिविरों में पहुंचाना
6. आपदा के समय घायल लोगों को फर्स्टेट देना और सरकार द्वारा नियोजित किया गया अस्पतालों तक पहुंचाना
7. राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा से संबंधित लोगों को जागरूक करना और उन्हें सही उपाय बताना
8. अब तक रात स्थानों पर औद्योगीकरण को रोकना आदि

4. रक्षा बजट और संसाधन आवंटन|(Defence budget and resource allocation)

1. रक्षा बजट मैं वृद्धि

पिछले वित्तीय वर्षों (2018-19) सशस्त्र बलों के लिए लगभग  1.12 लाख करोड़ का रक्षा बजट Defence budget पारित किया गया था इसके उपरोक्त 2023 में 5.93 लाख करोड़ का रक्षा बजट पारित हुआ है इसमें रक्षा पेंशन के लिए डेढ़ लाख करोड़ की राशि है बीते वर्ष 22-23 के आधार पर इस वर्ष रक्षा बजट में 68 हजार करोड़ की वृद्धि हुई है जो कि 13% के तकरीबन है देश दुनिया में हो रही गतिविधियों को चलते और अग्नि वीरों के प्रशिक्षण हेतु रक्षा बजट मैं भी वृद्धि हुई है यही सुरक्षाबलों के वेतन भुगतान के लिए 2 लाख 70 हजार करोड़ की राशि पास हुई है|

2. पाकिस्तान और चीन का रक्षा बजट

2022-23 पाकिस्तान का रक्षा बजट 1लाख 50 हजार करोड़ था भारतीय करेंसी के हिसाब से 46.50 हजार करोड रुपए होता है इस हिसाब से देखा जाए तो 2022-23 का भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के हिसाब से 20 गुना ज्या)दा था
और वही चीन का रक्षा बजट 1.45 ट्रिलियन युवान था भारतीय करेंसी के हिसाब से  18.50 लाख करोड़ होता है चीन भारत के मुकाबले अपने रक्षा क्षेत्र पर 3 गुना अधिक खर्च करता है अगर रक्षानीतियां बजट में बढ़ोतरी की बात की जाए तो इस वर्ष भारत ने 13 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है और वही चीन ने बीते वर्ष के के मुकाबले 7 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है

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