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भारतीय सुरक्षा बलों की भर्तियां एवं राष्ट्रीय सुरक्षा(Indian Security Forces Recruitment and National Security)

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रक्षा भर्तियां(Defence Recruitment)

इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको रक्षा भर्तियो Defence Recruitment बारे में समय-समय पर अवगत कराते रहेंगे रक्षा भर्तियों से हमारा तात्पर्य है भारतीय सुरक्षा बल जैसे कि भारतीय थल सेना वायु सेना और नौसेना हर साल भारत के इन तीनों सेनाओं में भर्तियों होती है

योग्यताएं(Abilities)

सेना में भर्ती होने के लिए कुछ योग्यताए Abilities होती है जो अभ्यर्थी इन योग्यताओं के अंतर्गत आते है वही सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन कर सकते है योग्यताएं पद व ट्रेड के हिसाब से भिन्न भिन्न हो सकती है|

शैक्षणिक योग्यता(Educational Qualification)
फिजिकल योग्यता(Physical Fitness)
मेडिकल योग्यता (Medical Qualification)

योग्यताओं के अंतर्गत भारतीय सेनाओं द्वारा कुछ मापदंड होते हैं जैसे की शैक्षणिक योग्यता Educational Qualification में अभ्यार्थी के 10वीं और 12वीं में हर विषय में 33% नंबर होने चाहिए
फिजिकल योग्यता के अंतर्गत अभ्यार्थी दौड़, भीम मैं प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान पर होना चाहिए और वही वह फिजिकली फिट कर तंदुरुस्त होना चाहिए
मेडिकल योग्यता के अंतर्गत अभ्यार्थी सेना के लिए पूरी तरह से स्वस्थ और फिट होना चाहिए मेडिकली तौर पर एक अभ्यर्थी को बहुत ही बारीकी से जांचा जाता है

रक्षा भर्तियों के लिए तैयारी कैसे करें(How to Prepare for Defence Recruitment)

भर्ती तैयारियां(Recruitment Preparations)

इसके माध्यम से हम आपके साथ साझा करेंगे की रक्षा भर्तियों के लिए किस प्रकार से तैयारी की जाए जैसे कि शारीरिक मानसिक और लिखित तौर पर परीक्षा की कैसे तैयारी की जाए शारीरिक तौर पर दौड़ के लिए कैसे तैयारी करें और शरीर को भर्ती के लिए कैसे बनाया जाए

लिखित परीक्षा(Written Exam)

वही मानसिक तौर पर अभ्यार्थी अपने आपको लिखित परीक्षा Written Examination के लिए कैसे तैयार करें और किन-किन पुस्तकों से लिखित परीक्षा के लिए अभ्यास कर सकते है और वही किस प्रकार के प्रश्न लिखित परीक्षा में पूछे जा सकते हैं और प्रश्नों को अंक के हिसाब से साझा करेंगे

मेडिकल तैयारी(Medical Preparation)

तीसरा और महत्वपूर्ण मेडिकली तौर पर अपने आपको भर्ती के लिए कैसे तैयार करें जैसे की कलर ब्लाइंडनेस हाथों में पसीना आना घुटनों का टेढ़ा होना इन सब को कैसे सही करें इत्यादि के बारे में आपको पूर्ण जानकारी देंगे

भर्ती परीक्षा का पैटर्न(Recruitment Exam Pattern)

भर्ती परीक्षा एक ऐसी परीक्षा होती है जिसमें उम्मीदवार को मानसिक और शारीरिक तौर पर जाना जाता है जो उम्मीदवार भर्ती परीक्षा पास करता है वही उम्मीदवार भारतीय थल सेना वायु सेना नौसेना में भर्ती किया जाता है

परीक्षा पैटर्न के टेस्ट(Exam Pattern Test)

नई भर्ती प्रणाली के अनुसार आवेदन करने के बाद सबसे पहले लिखित परीक्षा होगी परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार ही आगे होने वाली परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे भर्ती में भीड़ कम होगी और भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी |

शारीरिक क्षमताओं का टेस्ट(Physical Ability Test)

जो उम्मीदवार लिखित परीक्षा पास करते हैं वही केवल शारीरिक Physical Ability परीक्षा देने के काबिल होते हैं शारीरिक परीक्षा में उम्मीदवारों को दौड़, छाती, और अन्य कुछ मापदंडों के आधार पर मापा जाता है

साक्षात्कार(Interview)

साक्षात्कार Interview की प्रक्रिया अंत में होती है साक्षात्कार तक वही उम्मीदवार पहुंच पाते हैं जो उससे पहले की सभी परीक्षाएं पास करते हैं जैसे लिखित परीक्षा शारीरिक परीक्षा और मेडिकल इत्यादि साक्षात्कार में उम्मीदवारों से कुछ आसान से सवाल पूछे जाते हैं जिनका उन्हें जवाब देना होता है

भर्ती और परीक्षाओं की मुख्य तिथियां(Important Dates of Recruitment and Examination)

पूरे देश में सालाना 1 से 2 बार केंद्र सरकार द्वारा सैन्य भर्तियां करवाई जाती है जिसकी मुख्य तिथियां समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, और सोशल मीडिया के द्वारा युवाओं तक पहुंचाई जाती है जिसका उम्मीदवार बेसब्री से कई दिनों से इंतजार करते रहते हैं
अगर भर्ती तिथियों की बात की जाए तो सर्वप्रथम सैन्य द्वारा आवेदन करने की तिथि साझा की जाती है हवंत आवेदन के बाद ऑनलाइन लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा मेडिकल इत्यादि की तिथियां साझा की जाती है

रक्षा सहयोग(Defence Collaboration)

सेना का सामाजिक सहयोग(Military Social Support)

सेना का सामाजिक सहयोग शांति स्थिरता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण घटक साबित हो सकता है सेना द्वारा वक्त वक्त पर चलाए गए विभिन्न कार्यक्रम जैसे फ्री मेडिकल सुविधाएं, रक्तदान शिविर, आदि जो समाज और सेना में एक मजबूत गठबंधन बनाता है
सेना द्वारा आयोजित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा समाज का सेना पर और भी ज्यादा विश्वास और प्यार उभरता है आयोजित कार्यक्रमों से सेना समाज को उनके अधिकार के द्वारा जागरूक करवाती है फागुन में दूसरे के प्रति मदद की भावना उजागर करने की कोशिश करती है

देशों के बीच रक्षा सहयोग(Defence Cooperation between Countries)

देशों के बीच रक्षा सहयोग Defence Cooperation एक महत्वपूर्ण घटक है रक्षा सहयोग दो या दो से अधिक देशों के बीच संभव होता है रक्षा सहयोग के द्वारा ही दो देशों के बीच में संयुक्त सैन्य अभ्यास जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसके द्वारा आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है और उनका आदान प्रदान किया जाता है

रक्षा सहयोग एक लाभदायक अफसर(Defence Cooperation a Profitable Officer)

रक्षा सहयोग से देशों को कई प्रकार के लाभ होते हैं जैसे उनकी सेना का विकास होता है उनके देश में दूसरे देशों द्वारा आर्थिक निवेश किया जाता है जिसके द्वारा भारी करेंसी देश में प्रवेश करती है और देश की जीडीपी मैं बढ़ोतरी की आशंका अधिक हो जाती है

रक्षा सहयोग में चुनौतियां(Challenges in Defence Cooperation)

जब दो देश रक्षा समझौते Defence Challenges पर हस्ताक्षर करते हैं तो उन्हें बाकी देशों या विपक्षी देशों से कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है चुनौतियां आर्थिक सामाजिक या राजनीतिक स्तर पर किसी भी प्रकार की हो सकती है चुनौतियों के तौर पर देशों के बीच में शीत युद्ध शुरू होने की आशंका अधिक होती है
रक्षा सहयोग में अधिकतर चुनौतियां राजनीतिक स्तर पर आती है जिसमें राजनीतिक स्तर पर किए गए समझौतों में खटास पैदा होने की आशंका अधिक होती है इसके अलावा सीमा पर संवेदनशीलता की आशंका भी अधिक हो जाती है

रक्षा सहयोग से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषय(Other Important Topics Related to Defence Cooperation)

रक्षा सहयोग के अंतर्गत कई अन्य महत्वपूर्ण विषय आते हैं जिन्हें हम अपनी इस ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे और आपसे आशा करेंगे कि आप हमारे साथ बने रहे

सफल और असफल रक्षा सहयोग के उदाहरण

आतंकवाद के खिलाफ रक्षा सहयोग और लड़ाई

रक्षा सहयोग में अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका

रक्षा सहयोग में यूएन की भूमिका